The 5-Second Trick For भाग्य Vs कर्म
The 5-Second Trick For भाग्य Vs कर्म
Blog Article
हमारे ब्रह्मांड ने हमें इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए विभिन्न नियम स्थापित किए हैं। इनमें से एक है आकर्षण का नियम। यह नियम कहता है कि आप जो भी देते हैं, वह आपको मिलता है। कर्म इसी आधार पर काम करता है। हमारे प्रत्येक कार्य से ऊर्जा के निशान छूटते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। और ब्रह्मांड इस ऊर्जा को उसी प्रकार हम पर वापस दर्शाता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक।
जमुईचाची ने की भतीजे से लव मैरिज, चुपचाप सामने खड़ा रहा पति, बोली- अब नया वाला ही...
मैं उनकी बात सुन रहा था और साथ ही यह भी सोच रहा था की अगर मुझे ज्योतिष ही सीखनी है तो और कुछ सीखने की क्या जरूरत है, पर उनसे कुछ कह न सका।
Bhikhari ko bhi check here mangna padata hai tabhi use kuch mil pata hai matalab is duniya me kuch bhi aise hi nahi milta… kuch na kuch karm karana padata hai.
(मुझे लगा जैसे मैं अपने ही बनाये हुए जाल में फंस रहा था)
Geeta mai bhi shrikrishnene kaha hai “karmne vadhikaraste maa faleshu kadachan……….” means Kam krte ja, madat milengi lekin fal ki apeksha mat krna
कर्म से भाग्य बनता है और ये भाग्य हमें ऐसी परिस्तिथियों में डालता रहता है जहाँ हम कर्म कर के विजयी सिद्ध हों या परिस्तिथियों के आगे हार मान कर हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे और बिना लड़े ही पराजय स्वीकार कर लें
Karm se hi luck ka nirman hota h,jaisa hm karm krenge waisa Hello hmara bhagya bnega .So bhagya se bada karm h.
आज एक बालक निजी विद्यालय में पढ़ता हे और दूसरा शिक्षा से वंचित है ,क्या ये उस बालक का दुर्भाग्य नही?
और खुशहाल जिन्दगी जी
आचार्य जी-अरे वो आप कैसे कर सकते हैं, वह तो अपने भाग्य का लिखा भुगत रहे हैं, उनकी आप कैसे मदद कर सकते हैं?
हममें से कई लोग मानते हैं कि हमारे भाग्य भगवान द्वारा लिखे गए हैं या वे पहले से ही लिखे हुए हैं और उन्हें बदला नहीं जा सकता। लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से पहला सबक यह मिलता है कि हम भगवान के बच्चे हैं। और यदि यह सत्य है, तो हमारे लिए लिखे गए भाग्य समान और न्यायसंगत होने चाहिए। परंतु आज, हम समझते हैं कि लोगों के जीवन और उनके भाग्य न तो समान हैं और न ही परिपूर्ण। तो, हमारे भाग्य के लिए कौन जिम्मेदार है? हम खुद हैं।
प्रेमानंद महाराज से जानिये कि क्या कर्म द्वारा भाग्य को बदला जा सकता है
वाकई में कर्म ही हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है l कर्म का महत्व बताती हुई हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता मुझे याद आ रही है l
Report this page